रूस और यूक्रेन के बीच आज वॉर का नौवां दिन है. जैसे जैसे दिन बढ़ रहे हैं, वैसे-वैसे यूक्रेन की स्थिति भी अब भयंकर हो चली है. रूसी सैनिकों ने अब तक जो यूक्रेन पर परिस्थितियां पैदा की हैं उससे पुतिन की असल रणनीति कुछ और ही दर्शाती है. रूस यूक्रने के एक लाख वर्ग किमी से अधिक बड़े क्षेत्र को अपने कब्जे में ले चुका है. जानकार कहते हैं कि रूस की सेना ने कीव पर अभी अपना वो जोर नहीं दिखाया है जिसके लिए असल में वो जाना जाता है.
चेचन युद्ध की याद दिलाती है पुतिन की रणनीति
पुतिन जिस रणनीती से यूक्रेन पर अपना कब्जा बनाना चाहते वो साल 2000 में चेचन युद्ध की याद दिलाती है. उन्होंने इस दौरान घेराबंदी कर एक बड़ी जंग में जीत हासिल की थी. रूसी सेना अब दक्षिणी यूक्रेन में आगे बढ़ रही है. रूस की रणनीति बताती है कि वो काला सागर से यूक्रेन का संपर्क पूरी तरह तोड़ देना चाहती है. काला सागर के पास स्थिति खेरसॉन शहर पर रूसी सैनिकों ने पहले ही कब्जा कर लिया है. वहीं अब जपोरिजिया परमाणु संयंत्र पर हमला कर दिया है. इसके अलावा वो काला सागर से जुड़े ओडेसा पर भी अपने हमले को तेज करने में जुटे हैं.
सात दिनों में यूक्रेन का 20 प्रतिशत क्षेत्र रूस के कब्जे में
बता दें, खेरसॉन शहर पर हमले के बाद रूसी सेना ने खुद इसकी पुष्टि की थी कि शहर का सरकारी मुख्यालय अब पूरी तरह उनके नियंत्रण में है. रूस ने खारकीव को भी लगभग अपने कब्जे में ले लिया है. रूस ने यहां अपने एयरट्रूपर्स को उतारा था जिसके बाद हमले तेज कर दिए गए. रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की सेना ने बीते सात दिनों में यूक्रेन के लगभग 20 प्रतिशत क्षेत्र को अपने कब्जे में ले लिया है. यूक्रेन का करीब 1 लाख किमी से अधिक का क्षेत्र रूस के कब्जे में आ चुका है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस यूक्रेन के कीव शहर को चारों तरफ से घेर रहा है. रूसी सेना के वाहन और सैनिक कीव से केवल 19 मील दूर हैं.